स्वास्थ्य सेवाओं पर भारत सरकार के बज़ट का १ प्रतिशत ही खर्च
दुनिया में सिर्फ़ पाकिस्तान ही ऐसा देश है जो इससे कम खर्च करता है… जबकि बांग्लादेश से लेकर अफ़्रीकी गरीब से गरीब देश भी अपनी जनता के स्वास्थ्य पर इससे अधिक खर्च करते हैं। यह भी 60 साल के कांग्रेस शासन की “उपलब्धि” है।
देश की 80%
से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं निजी अस्पतालों के जरिये चलती हैं जिन से सरकार सेल्स टैक्स,
कस्टम ड्यूटी (
महंगे विदेशी उपकरणों पर),
वैट,
लक्ज़री टैक्स (
कहीं-
कहीं)
एवं भारी-
भरकम बिजली की दरें सब कुछ एक साथ वसूलती है…
अब सरकार की नज़रे-
इनायत निम्न और मध्यम वर्ग के मरीजों पर भी पड़ गई है।पाठकों की सुविधा के लिये मैं डॉ शेट्टी द्वारा पेश किये गये बिन्दुओं को रख रहा हूं…
(१) सरकार ने इस बजट में “हेल्थ टैक्स” के नाम से 5% सर्विस टैक्स (Service Tax on Health and Hospitals) लगाने का प्रस्ताव किया है।
(b) जनता को मूर्ख बनाने के लिये कहा गया है कि सिर्फ़ AC (वातानुकूलित) अस्पतालों और वहाँ इलाज करवाने वाले अमीर मरीजों पर ही यह टैक्स लगाया जायेगा, लेकिन डॉ शेट्टी के अनुसार किसी भी प्रकार का ऑपरेशन करने वाला अस्पताल अथवा ब्लड बैंक हमेशा AC ही होता है। अर्थात यदि अब से किसी भी व्यक्ति की हार्ट सर्जरी हुई और उसमें 1 लाख का खर्च हुआ तो उस मरीज से 5000 रुपये सरकार और अधिक छीन लेगी, जबकि यदि दुर्भाग्य से आपका कैंसर से सम्बन्धित ऑपरेशन हुआ तो सरकार आपकी जेब से अतिरिक्त लगभग 20,000 रुपये हड़प लेगी।
डॉ शेट्टी आगे कहते हैं, “हमारे देश की सिर्फ़ 10% जनता ही इस स्थिति में है कि वह हार्ट, ब्रेन अथवा कैंसर के ऑपरेशन का खर्च उठा सके… जबकि दूसरी तरफ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों द्वारा करवाये जा रहे जन-स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से भी 8% सर्विस टैक्स वसूल रही है…”। प्रत्येक सरकार का फ़र्ज़ है कि वह अपने नागरिकों को उच्च दर्जे की स्वास्थ्य सुविधाएं भले ही मुफ़्त न सही, लेकिन कम से कम दामों और शुल्क पर उपलब्ध करवाये…। यहाँ तो उल्टा ही हो रहा है कि, सरकार उसका कर्तव्य तो पूरा कर ही नहीं रही, बल्कि जैसे-तैसे अपना पेट काटकर, मंगलसूत्र-चूड़ी बेचकर, ज़मीन-मकान गिरवी रखकर दूरदराज इलाकों से आने वाले मरीजों से, पहले बीमा पॉलिसी में 8% (Service Tax on Medical Insurance) और फ़िर अस्पताल के बिल में 5% सर्विस टैक्स से नोच खा रही है… यह बेहद अमानवीय कृत्य है और जनता को इसका विरोध करना ही चाहिये…। जनता के जले पर नमक तब और मसला जाता है, जब कोई निकम्मा नेता महीनों तक आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) (http://www.aiims.edu/) जैसे महंगे अस्पताल में सरकार ही तरफ़ से मुफ़्त इलाज करवाता रहता है, या हर हफ़्ते मुफ़्त डायलिसिस करवाकर खामखां देश पर बोझ बना घर बैठा रहता है…
डॉ शेट्टी ने अपील की है कि यह खबर अधिकाधिक लोगों तक पहुँचाएं व धरना-प्रदर्शन-ज्ञापन-विरोध-काले झण्डे जैसा जो भी लोकतांत्रिक तरीका, आम आदमी अपना सके… उससे सरकार का विरोध करना चाहिये।
• पारितोष व्यास