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शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

धोखा

आप से किया जा रहा है धोखा
 लेज़’ में खा रहे हैं आप सुअर की चर्बी
आप शाकाहारी, मांसाहारी, हिन्दू हों या मुसलमान या फ़िर कोई और, कोई फ़र्क नहीं पड़ता, गन्दा है पर धन्धा है- लेज़’ के लिए सभी समान हैं- क्योंकि Lays में है सभी के लिए सुअर की चर्बी से निर्मित E631
"Lays चिप्स के पैकेट में जो E631 लिखा है वह दर असल सूअर की चर्बी है। चाहो तो गूगल पर देख लो।" कमाल है ! शायद ही कोई भारतीय परिवार चिप्स आदि से बच पाया होगा!! मुझे तत्काल कुछ वर्षों पहले का वह समय या...द आने लगा जब MSG का पता चलने पर मैं हर स्टोर पर किसी खाद्य पदार्थ के पैकेट पर नज़रें गड़ा कर यह देखने लगा जाता था कि इसमे कहीं MSG तो नहीं। यह देख वहां का स्टाफ व्यंग्य भरी नज़रें लिए बताता था कि ये सस्ता है सर, ज़्यादा महंगा नहीं है! मै जब कहता कि कीमत नहीं देख रहा हूँ तो उनकी जिज्ञासा बढ़ती तब बताता कि यह क्या होता है। आजकल तो बड़े बड़े अक्षरों में खास तौर पर लिखा रहता है कि No MSG ऐसा ही कुछ वाकया ब्रुक बोंड की चाय-पत्ती के साथ हुआ था जिस पर पोस्ट लिखी थी मैंने कि किस तरह इतनी बड़ी कम्पनी लोगों को सरासर बेवकूफ बना रही है। बात हो रही E631 की। मैं दन्न से बाज़ार गया और Lays के पैकेट देखे कुछ नहीं दिखा। लेकिन मुझे याद आने लग पड़ा था कि इस तरह के कोड देखें हैं मैंने कुछ दिन पहले। शहर के दूसरे कोने वाल़े एक सुपर बाज़ार में भी कुछ नहीं दिखा तो स्टोर वालों से इस बारे में बात करने पर ज्ञात हुआ कि कुछ सप्ताह पहले आयातित चिप्स और बिस्किट लाए गए थे जो अब ख़त्म हो चुके। तब तक एक जिज्ञासु कर्मचारी कहीं से दो ऐसे पैकेट ले आया जिन्हें चूहों द्वारा कुतरे जाने पर अलग रख दिया गया था। उन में इस तरह के कोड थे जिस में वाकई 631 लिखा हुआ है अब मैंने गूगल की शरण ली तो पता चला कि कुछ अरसे पहले यह हंगामा पाकिस्तान में हुआ था जिस पर ढेरों आरोप और सफाइयां दस्तावेजों सहित मौजूद हैं। हैरत की बात यह दिखी कि इस पदार्थ को कई देशों में प्रतिबंधित किया गया है किन्तु अपने देश में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा। मूल तौर पर यह पदार्थ सूअर और मछली की चर्बी से प्राप्त होता है और ज्यादातर नूडल्स, चिप्स में स्वाद बढाने के लिए किया जाता है। रसायन शास्त्र में इसे Disodium Inosinate कहा जाता है जिसका सूत्र है C10H11N4Na2O8P1 होता यह है कि अधिकतर (ठंडे) पश्चिमी देशों में सूअर का मांस बहुत पसंद किया जाता है। वहाँ तो बाकायदा इसके लिए हजारों की तादाद में सूअर फार्म हैं। सूअर ही ऐसा प्राणी है जिसमे सभी जानवरों से अधिक चर्बी होती है। दिक्कत यह है कि चर्बी से बचते हैं लोग। तो फिर इस बेकार चर्बी का क्या किया जाए? पहले तो इसे जला दिया जाता था लेकिन फिर दिमाग दौड़ा कर इसका उपयोग साबुन वगैरह में किया गया और यह हिट रहा। फिर तो इसका व्यापारिक जाल बन गया और तरह तरह के उपयोग होने लगे। नाम दिया गया 'पिग फैट' 1857 का वर्ष तो याद होगा आपको? उस समयकाल में बंदूकों की गोलियां पश्चिमी देशों से भारतीय उपमहाद्वीप में समुद्री राह से भेजी जाती थीं और उस महीनों लम्बे सफ़र में समुद्री आबोहवा से गोलियां खराब हो जाती थीं। तब उन पर सूअर चर्बी की परत चढ़ा कर भेजा जाने लगा। लेकिन गोलियां भरने के पहले उस परत को दांतों से काट कर अलग किया जाना होता था। यह तथ्य सामने आते ही जो क्रोध फैला उसकी परिणिति 1857 की क्रांति में हुई बताई जाती है। इससे परेशान हो अब इसे नाम दिया गया 'ऐनिमल फैट' ! मुस्लिम देशों में इसे गाय या भेड़ की चर्बी कह प्रचारित किया गया लेकिन इसके हलाल न होने से असंतोष थमा नहीं और इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ गई। आखिर उनका 75 प्रतिशत कमाई मारी जा रही थी इन बातों से। हार कर एक राह निकाली गई। अब गुप्त संकेतो वाली भाषा का उपयोग करने की सोची गई जिसे केवल संबंधित विभाग ही जानें कि यह क्या है! आम उपभोक्ता अनजान रह सब हजम करता रहे। तब जनम हुआ E कोड का तब से यह E631 पदार्थ कई चीजों में उपयोग किया जाने लगा जिसमे मुख्य हैं टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, च्युंग गम, चॉकलेट, मिठाई, बिस्कुट, कोर्न फ्लैक्स, टॉफी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आदि। सूची में और भी नाम हो सकते हैं। हाँ, कुछ मल्टी-विटामिन की गोलियों में भी यह पदार्थ होता है। शिशुयों, किशोरों सहित अस्थमा और गठिया के रोगियों को इस E631 पदार्थ मिश्रित सामग्री को उपयोग नहीं करने की सलाह है लेकिन कम्पनियाँ कहती हैं कि इसकी कम मात्रा होने से कुछ नहीं होता। पिछले वर्ष खुशदीप सहगल जी ने एक पोस्ट में बताया था कि कुरकुरे में प्लास्टिक होने की खबर है चाहें तो एक दो टुकड़ों को जला कर देख लें। मैंने वैसा किया और पिघलते टपकते कुरकुरे को देख हैरान हो गया। अब लग रहा कि कहीं वह चर्बी का प्रभाव तो नहीं था!? अब बताया तो यही जा रहा है कि जहां भी किसी पदार्थ पर लिखा दिखे E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542,E570, E572, E631, E635, E904 समझ लीजिए कि उसमे सूअर की चर्बी है।

हिन्दू व्यथा

मरते दम तक मैं कहूंगी कि हिंदू हूं
 पाकिस्तान में हिंदुओं की नाबालिग लड़कियों का अपहरण करके जबरन धर्मांतरण के बाद निकाह किया जाना आम बात हो गई है, लेकिन रिंकल की बहादुरी को देखकर इसके पहले ऐसे हादसे से गुजर चुकी कई महिलाएं भी अब अपना इंसाफ मांगने के सामने आने लगी हैं।

‘किस तरह करूं फरियाद मैं, यकीन हो दुनिया को कि मैं हिंदू हूं, मैं होश में हूं, मैं जानती हूं, मेरा नाम रिंकल हैं, मैं हिंदू हूं, पढ़ाया गया कलमा वो सबको दिखता है, अब क्यों नहीं माना जा रहा मैं हिंदू हूं, मालूम है नहीं मिलेगा इंसाफ मुझे, मेरे खिलाफ सब हैं क्योंकि मैं हिंदू हूं, और क्यों मैं इस दुनिया को सबूत दूं, दुनिया को चीख-चीख कर कह रही हूं कि मैं हिंदू हूं, मेरा रब करेगा इंसाफ मुझसे, मैं मरते दम तक कहूंगी कि हिंदू हूं।’ यह पैगाम है रिंकल का।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर मथेलो की रिंकल कुमारी का पिछले दिनों अपहरण किया गया था। उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे मुसलमान बनाया गया फिर 24 फरवरी को नावीद शाह नाम के एक मुस्लिम युवक से उसकी शादी करा दी गई। रिंकल को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। रिंकल मां-बाप के पास जाना चाहती है, मामला सुप्रीम कोर्ट में गया लेकिन अभी तक वहां से भी इंसाफ नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने रिंकल को फिलहाल संरक्षण गृह भेज दिया है, इस मामले की फिर सुनवाई 18 अप्रैल को होनी है। संरक्षण गृह से रिंकल ने एक पैगाम अपनी मां और पाकिस्तान की हिंदू आवाम के नाम भेजा है। इस पैगाम को रिंकल की मां ने सोशल नेटवर्किंग साइट्ïस पर ‘कैनविज टाइम्स’ के साथ शेयर किया है। इस मामले की कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिंकल ने रोते हुए कहा ‘हम मां के पास जाना चाहते हैं।’ लेकिन दूसरे पक्ष के वकील ने कहा लडक़ी ने कलमा पढ़ लिया है, अब वह हिंदू नहीं है। पाकिस्तान के नारी संरक्षण गृह दारुल अमीन जाने से जब रिंकल ने इंकार कर दिया तो पुलिस उसको घसीटते हुए ले गई। दारुल अमीन में रो-रोकर बेहाल रिंकल ने उनसे मिलने गईं पाकिस्तान हिंदू काउंसिल की मंगला शर्मा के हाथों एक पैगाम भिजवाया। उस पैगाम में उसका दर्द, मजबूरी और पाकिस्तान में इंसाफ के हाल को बखूबी समझा जा सकता है।
रिंकल की दर्दभरी अपील के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की आवाज उठाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक अभियान छिड़ गया है। पाकिस्तान ‘हिंदू वॉयस’ सहित कई पेज फेसबुक पर बने हैं, जहां रिंकल को न्याय दिलाने के लिए साथ में आवाज उठाने की गुजारिश की जा रही है। पाकिस्तान में हिंदुओं की नाबालिग लड़कियों का अपहरण करके जबरन धर्मांतरण के बाद निकाह किया जाना आम बात हो गई है, लेकिन रिंकल की बहादुरी को देखकर इसके पहले ऐसे हादसे से गुजर चुकी कई महिलाएं भी अब अपना इंसाफ मांगने के सामने आने लगी हैं।
पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ  अत्याचार की एक और घटना की शिकार लता तेजाब से झुलसे अपने चेहरे के साथ न्याय के लिए सामने आई है। घटना सिंध प्रांत के ग्रामीण इलाके की है जहां हिंदू समुदाय की एक नाबालिग लडक़ी लता की शादी जबरन एक मुसलमान युवक के साथ करा दी गई। लता ने बंदूक की नोक पर भी निकाह कबूल नहीं किया तो उसका चेहरा जला दिया गया। चेहरे पर तेजाब का घाव लेकर लता ने भी बुधवार को पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के पदाधिकारियों से मुलाकात करके इंसाफ की गुहार लगाई है। पाकिस्तान सरकार हिंदुओं के साथ हो रही जुल्म-ज्यादती की घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए है।
इसको लेकर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ई-मेल भेजकर गुहार लगाई गयी थी, लेकिन पाक राष्ट्रपति जरदारी के दौरे के दौरान मनमोहन सिंह की चुप्पी से पाकिस्तान के हिंदू मर्माहत हैं। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के पदाधिकारियों ने इस मामले में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद योगी आदित्यनाथ से भी सम्पर्क साधा है ताकि भारत की संसद में पाकिस्तान के हिंदुओं के साथ हो रही जुल्म-ज्यादती की कहानी वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा सके।
• दिनेश चंद्र मिश्र
Roaming Journalist

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