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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

मुस्कान

जय मुस्कान!
मेरे कार्टूनिस्ट और कार्टूनप्रेमी मित्रो,मेरा विचार है कि अच्छे कार्टूनों का हिन्दी में एक टेब्लॉइड पीडीएफ़ अखबार निकाला जाए। इस अखबार में कार्टून की अधिकता हो और टाइप की हुई सामग्री न्यूनतम हो यानी आम अखबारों के उलट। यों अभी अखबारों ने कार्टून कला की ओर से मुंह फ़ेर लिया है। कार्टून फ़ोकट की चीज़ बनकर रह गये हैं जो कार्टूनिस्टों के द्वारा इण्टरनेट पर सहज उपलब्ध करा दिये जाते हैं।
इस कार्टून प्रधान अखबार को अभी या बाद में अखबारी कागज़ पर छापा जाए- साधन होने पर। अभी इस अखबार को पीडीएफ़ के रूप में देस-विदेश में ई-मेल द्वारा सदस्यों को भेजा जाए। ज़ाहिर है इसके लिए अच्छे कार्टूनों की आवश्यकता होगी ही। रोना वही कि फ़िलहाल मेहनताना नहीं दिया जा सकता। इसके लिए सक्षम होने का प्रयास किया जाएगा, शुरूआत तो हो! सामग्री में विविधता होगी. यह पक्का है। आप लोगों की सहमति हो तो एक अंक बनाया जाए। पर इसके लिए कुछ कार्टूनिस्ट मित्रों के ५ (छपे/बिन छपे) कार्टून/कार्टून स्ट्रिप/कैरीकेचर/फ़ीचर, सचित्र (फ़ोटो सहित) आत्म परिचय वगैरह चाहिए ही चाहिए।
कार्यक्रम तय होने पर व्यवस्था हेतु दक्षिणा १०१ (101) या ९९ (99) रुपये रुचि रखने वाले कार्टून प्रेमी यह मामूली सहयोग देंगे तो गाड़ी चल पड़ेगी। इस कार्य में प्रायोजक या विज्ञापन दाता का सहयोग सन्देहात्मक है। वैसे यदि आपके सम्पर्क में कार्टून प्रेमी प्रायोजक या विज्ञापन दाता हैं तो उनको इस पावन कार्य में पुण्य कमाने का न्यौता हैं। 
उल्लेखनीय है कि मेरा यह प्रयास हम सभी या अधिकतम कार्टूनिस्टों का एक अच्छा मंच बनाने की दिशा में एक कदम है व्यवसाय या धन्धा नहीं।
कुछ और जानना-पूछना चाहें तो बिना संकोच सम्पर्क करें- फ़ेसबुक के माध्यम से या cartoonistchander@gmail.com
(यहां मेरे हिन्दी पाक्षिक ‘मीडिया नेटवर्क’ के एक पुराने अंक के २ पृष्ठ दिये गये हैं, देखें)
लिन्क- http://www.medianetworkweb.blogspot.in/
• सभी कार्टूनिस्टों का स्वागत है।                                                 
कार्टूनिस्ट मित्रों का उत्साह मुझे उत्साहित कर देता है। अनेक मित्रों के विचार (आइडिया) अच्छे-बहुत अच्छे हैं पर वे चित्रण (ड्रॉइंग) के मामले में मात खा जाते हैं। कार्टून का अर्थ टेढ़ी-मेढ़ी मनचाही रेखाएं खींचना नहीं है। यह कला का ही एक महत्वपूर्ण अंग है। अच्छा हो वे मित्र कला की कोई पुस्तक पढ़ें-देखें और खूब अभ्यास भी करें। बिना रेखांकन के अभ्यास के निपुणता नहीं आ सकती। वरिष्ठ कार्टूनिस्टों के बनाए छपे कार्टून ध्यान से देखें। आस-पास कोई चित्रकार-कार्टूनिस्ट हो तो सम्पर्क कर सहायता लें। मैं चाहता हूं कि सभी ‘कार्टूनिस्ट’ शानदार कार्टून बनाएं और आत्मसंतुष्टि के साथ-साथ सभी की प्रशंसा पाएं।
http://cartooninstitute.blogspot.in/
 

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