छुक-छुक का मज़ा
छुक-छुक का मज़ा
बरसों पहले राजा की मण्डी, आगरा से फ़ीरोज़ाबाद पेसेन्जर रेल गाड़ी से जाते समय खींचा गया यह फ़ोटो जब भी मैं देखता हूं मुझे आनन्द देता है। इसे देख लगता है जैसे खिड़की पर बैठकर इसे मनचाहा सब मिल गया। यह मुस्कराता बालक अब काफ़ी बड़ा हो गया होगा। सम्भव है कि इन्टरनेट पर कभी खोज के दौरान उसे अपना यह फ़ोटो दिखाई दे जाए!
यहां क्लिक करके युवाउमंग देखिए-
छुक-छुक का मज़ा
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